लखनऊ 28 नवम्बर 2022: उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर का स्वरुप देने हेतु योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में सड़कों-सेतुओं का संपर्क बढ़ाने के साथ उनके निर्माण में भी वृद्धि करने जा रही है। लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने इसके लिए पंचवर्षीय कार्ययोजना बनायी है। राज्य राजमार्गों को दो लेन चौड़ा करने के पश्चात अब जिला मुख्यालयों को आपस में चार लेन सड़कों से मिलाने की योजना है।
तीन भागों में शुरु होगी योजना
लोक निर्माण विभाग इस कार्ययोजना को तीन भागों में वर्ष 2027 तक पूरा करने की रूपरेखा तैयार की है। पहले चरण में प्रत्येक जिला मुख्यालय को राजधानी लखनऊ से चार लेन सड़क से जोड़ा जाएगा। इसमें 1400 किलोमीटर की लंबाई में सड़क का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) करेगा, हलांकि लोक निर्माण विभाग 315 किलोमीटर सड़क बनाएगा। दूसरे भाग में प्रत्येक जिले को मंडल मुख्यालय से चार लेन सड़क से मिलाने की योजना है। तीसरे भाग में प्रत्येक जिला मुख्यालय को उसके पड़ोसी जिला मुख्यालयों से चार लेन सड़क से मिलाने की योजना है।
प्रत्येक जिलों में बनेगी रिंग रोड
प्रमुख सचिव लोक निर्माण नरेन्द्र भूषण ने कहा कि विभाग ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में रिंग रोड बनाने का प्लान तैयार किया है।इसको भी साल 2027 तक पूर्ण कराने का लक्ष्य है । इसका प्रारम्भ मंडल मुख्यालय वाले जनपदों से किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में एनएचएआइ ने लोक निर्माण विभाग के निवेदन को मान लिया है। इस पर कार्य प्रारम्भ हो गया है।
ग्रामीण मार्गों की बढ़ेगी चौड़ाई—जनसंख्या के साथ बढ़ते वाहनों की संख्या ने सड़कों पर काफी दबाव बढ़ाया है। इस दबाव से ग्रामीण मार्ग भी दूर नहीं हैं।ग्रामीण इलाकों में वाहनों की संख्या में वृद्धि के साथ शहरों से ग्रामीणों का संपर्क भी प्रतिदिन तेजी से विकसित हो रहा है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग ने अपने मौजूदा ग्रामीण मार्गों की चौड़ाई को डेढ़ गुणा करने की रुपरेखा भी तैयार की है। अभी ग्रामीण मार्गों की चौड़ाई 3.75 मीटर है जिसे विकसित कर 5.5 मीटर करने का लक्ष्य है।
प्रत्येक साल 52 आरओबी का लक्ष्य
सड़कों की सहायता से अर्थव्यवस्था की रफ़्तार को प्रगति प्रदान करने के लिए राज्य राजमार्गों और प्रमुख जिला मार्गों की संख्या दोगुनी करना भी लोक निर्माण विभाग की घोषणा में शामिल है। रेल उपरिगामी सेतुओं के निर्माण की रफ़्तार को भी विस्तृत करने की योजना पर विभाग गंभीरता से विचार कर रहा है। फ़िलहाल विभाग प्रत्येक वर्ष 17 से 18 आरओबी बनाता है। प्रमुख सचिव के अनुसार अगले वर्ष से प्रत्येक वर्ष 52 आरओबी बनाने के लक्ष्य के साथ कार्य किया जाएगा जिससे प्रत्येक सप्ताह एक आरओबी का लोकार्पण कराया जा सके।