लखनऊ 08 दिसम्बर 2022: लिवाना होटल ध्वस्त किये जाने हेतु एलडीए ने 9 दिसंबर तक का वक़्त दिया है। इसमें अब केवल एक दिन बाकी बचा है। वैसे यह कार्रवाई अब 14 दिसंबर या उससे आगे के लिए भी टल सकती है। वास्तव में, होटल प्रबंधन की ओर से एलडीए को प्रार्थनापत्र दिया गया है कि उन्हें जो नोटिस प्राप्त हुई है ,उसके अनुसार आखिरी तारीख 14 दिसंबर होनी चाहिए। चुकी यह प्रार्थना पत्र होटल प्रबंधन ने अपने वकीलों के द्वारा भेजा है। इसलिए अब एलडीए भी कानूनी सलाह लेने लगा है, जिससे कि कहीं कोई दिक्कत न आए।
एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि अभी तक उनकी ओर से 9 दिसंबर की तारीख निश्चित है परन्तु अब उक्त प्रार्थना पत्र के पश्चात वह क़ानूनी सलाह ले रहे है। दूसरी ओर 7 दिसंबर को अदालत में होटल के संबंध में होने वाली सुनवाई टल गई है। सूत्रों के अनुसार , होटल ध्वस्त करने से पूर्व एलडीए कोई भी शीघ्रता नहीं करना चाहता है। वास्तव में, प्रयागराज में इसी प्रकार की एक कार्यवाही कर दी गई थी, जिसमें अब अदालत के प्रति वहां प्राधिकरण और जिला प्रशासन की जवाबदेही बढ़ गई है। इस संबंध में फटकार भी लगाई गई है।
सीएम ने बड़ी कार्यवाही करने का आदेश है
सीएम योगी आदित्यनाथ पूर्व में ही इस प्रकरण में बड़ी कार्यवाही की बात कह चुके हैं। दो सितंबर को आग लगने के कारण से चार लोगों की मृत्यु हो गई थी। इसके अतिरिक्त 19 लोग घायल हो गए थे। यहां प्रातः 7 बजे होटल लेवाना की तीसरी मंजिल पर भीषण आग लग गई थी। 24 लोगों को होटल से रेस्क्यू किया गया। लगभग 9 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला।घटना के समय होटल में लगभग 30 लोग उपस्थित थे।
नक्शा पास नहीं बन गया होटल
यहां होटल का नक्शा पास नहीं था। इसके संबंध में एलडीए की ओर से सिर्फ नोटिस देने की प्रक्रिया पूरी की गई थी। यहां तक की लिवाना के मालिक का जनपथ स्थित होटल का नक्शा भी पास नहीं था। आग इतनी भयंकर थी कि पीड़ितों से मुलाकात करने के लिए सीएम योगी और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी गये थे। उन्होंने मौके पर ही घटना की जांच के आदेश दिए थें। इसके पश्चात होटल को सील कर दिया गया है। जांच में मालूम हुआ कि होटल लेवाना बिना नक्शा पास कराए चल रहा था।
गणेशगंज के कपल की हुई थी मौत
गणेशगंज के सराय फाटक के निवासी गुरनूर आनंद अपनी मंगेतर साहिबा कौर सहित इस होटल में रुके थे। अग्निकांड के पश्चात दोनों की लाश तीसरी मंजिल की गैलरी में मिली थी। माना जा रहा है कि उन्होंने बचने की कोशिश की होगी। परन्तु, धुंएके कारण दम घुट गया। इसी कारण से दोनों की मृत्यु हो गई।
जानिये कार्यवाही की प्रक्रिया क्या है
लखनऊ हाईकोर्ट के सिविल एडवोकेट मिथलेश कुमार शर्मा बताते हैं, “अगर किसी होटल को बिना नक्शा स्वीकृत कराये बनवाया जाता है। तो विकास प्राधिकरण पूर्व में होटल मालिक को स्वयं ही संपत्ति ध्वस्त करने के लिए नोटिस भेजता है। जब नोटिस पर कोई उत्तर नहीं दिया जाता तो, प्राधिकरण स्वयं जाकर होटल ध्वस्त कर देते हैं। प्राधिकरण डिमोलिशन कॉस्ट होटल मालिक से लेता है।”
यूपी रेगुलेशन बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट 1958 के प्रावधानों के अनुसार गैरकानूनी तरीके से बनी बिल्डिंग के मालिक से संपत्ति ध्वस्त किये जाने के सम्पूर्ण खर्च के अतिरिक्त 50,000 रुपए के जुर्माने की सजा का प्रावधान है।