लखनऊ 28 नवम्बर 2022: शहर में प्लास्टिक बोतल में पानी बेचने के लिए नगर निगम से लाइसेंस लेना आवश्यक होगा। नगर निगम इसके लिए ईपीआर (विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व) के अन्तर्गत आएगा। इसमें कंपनी को यह बताना होगा कि वह प्लास्टिक निस्तारण के लिए क्या कर रही है। इसमें राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी नगर निगम के साथ मिलकर काम करेगा।
यहां तक की सिंगल यूज प्लास्टिक में अपने उत्पादक बेचने वाली कंपनी को भी ईपीआर लाइसेंस लेना आवश्यक है। नगर निगम ने एक दिसंबर से स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत 75 जिले 75 घंटे अभियान युद्ध स्तर पर चलाने की घोषणा की है।
कम्पोजिट मशीन रखना आवश्यक होगा
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि कूड़ा प्रबंधन के लिए बड़े सरकारी, निजी और पीएसयू को अपने यहां से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण करने के लिए कम्पोजिट मशीन लगाना आवश्यक करेगा । नगर निगम सफाई को लेकर सर्वेक्षण करवा रहा है।
जिसमें 30 % कूड़ा सेट्रल और पीएसयू से, 30 % कमर्शल स्थानों से, 30 % घरों से और 10 % शहर में कूड़ा हॉर्टिकल्चर के द्वारा उत्पन्न हो रहा है। नगर निगम शहर में एनजीओ को साथ लेकर कार्य करेगा। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर काम होगा।प्रत्येक कालोनी में एनजीओ व अन्य संस्थानों के साथ मिलकर अभियान चलाएगा
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि नए नियमों में प्लास्टिक को चार भागों में बाटा गया है। प्लास्टिक की बोतल बेचने वाली कंपनी कचरा निस्तारण का भी कार्य करेगी। नियमों के अन्तर्गत उत्पादकों, आयातकों और कम्पनी मालिकों को ईपीआर के अन्तर्गत लाइसेंस लेना आवश्यक होगा।