सुप्रीम कोर्ट के हानिकारक पटाखों पर प्रतिबंध को बरकरार रखने के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने राज्य में पटाखों की बिक्री को लेकर गाइड लाइन जारी कर दिया है। दीपावली पर इस बार प्रदेश में केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री होगी। इनके अलावा अन्य पटाखों की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित होगी कोर्ट ने सभी राज्यों को कड़ाई से आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा है कि किसी भी तरह की ढिलाई या उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा।
क्या होते हैं ग्रीन पटाखे:
ग्रीन पटाखे वे पटाखे है जिनसे प्रदूषण कम होता है और पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होते हैं। उन्हें ग्रीन पटाखा कहा जाता है। ग्रीन पटाखों को खास तरह से तैयार किया जाता है और इनके जरिए 30 से 40 फीसद तक प्रदूषण कम होता है। ग्रीन पटाखों में वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले हानिकारक रसायन कम होते हैं। इनमें एल्युमिनियम, बैरियम, पौटेशियम नाइट्रेट व कार्बन का प्रयोग नहीं किया जाता है अथवा इनकी मात्रा काफी कम रखी जाती है। इनके प्रयोग से वायु प्रदूषण को बढ़ने से रोका जा सकता है।
गृह विभाग ने जारी की गाइड लाइन:
सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई, 2021 के आदेश में स्पष्ट किया है कि क्षेत्र की वायु गुणवत्ता थोड़ी प्रदूषित अथवा अच्छी है तो संबंधित प्राधिकारी हरित पटाखों की बिक्री व उपयोग की अनुमति दे सकते हैं।
यूपी शासन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश व कोविड-19 की हालातों को देखते हुवे प्रदेश में निर्धारित समय सीमा के लिए हरित पटाखों की बिक्री व उपयोग की अनुमति प्रदान किए जाने का निर्णय किया है। इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी किया है। अपर मुख्य सचिव, गृह का कहना है कि पटाखों की बिक्री और उपयोग को लेकर सभी डीएम को निर्देश दिए गए हैं। जिला स्तर पर डीएम हरित पटाखों की बिक्री व उपयोग की समय सीमा तय करेंगे।
दीवाली पर शाम आठ से 10 बजे तक ही चल सकेंगे ग्रीन पटाखे :
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से साफ हो गया है कि दीवाली पर सिर्फ ग्रीन पटाखे या कम प्रदूषण वाले नियमों के अनुरूप ही पटाखे बिकेंगे और चलेंगे। पटाखों के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में दिए गए आदेशों को बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि दीवाली की शाम सिर्फ 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकते हैं। इसके अलावा क्रिसमस और नववर्ष पर रात 11.55 से 12.30 तक पटाखे चलाए जा सकते हैं।