लखनऊ 23 नवम्बर 2022: यूपी के समस्त जिलों में गर्भवती व शिशुओं की देखभाल के लिए एमसीएच विंग बनाए गए हैं। अब इनका विस्तार करने का फैसला किया गया है। इन में संविदा पर डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों की नियुक्ती की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में गर्भवती व शिशुओं की उचित देखभाल के लिए मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ (एमसीएच) विंग की संख्या बढ़ाई जाएगी। जल्द ही सौ-सौ बेड के 35 नए एमसीएच विंग शुरू किये जायेंगे। इससे एमसीएच विंग में कुल 3500 बेड और बढ़ेंगे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में प्रत्येक साल लगभग 55 लाख शिशुओं का जन्म होता है। इसलिए राज्य सरकार गर्भवती व शिशुओं की देखभाल के लिए निरंतर अस्पतालों की संख्या में वृद्धि कर रही है। इन अस्पतालों में ओपीडी के अतिरिक्त 24 घंटे गर्भवती व शिशुओं के इलाज की व्यवस्था उपलब्ध होगी। यहां एएनसी क्लीनिक, हाई रिस्क एंड सीवियर एनीमिया से पीड़ित गर्भवती के इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। सामान्य एवं जटिल प्रसव की सुविधा उपलब्ध रहेगी। सिजेरियन प्रसव से संबंधित सभी सुविधाएं भी निरंतर उपलब्ध रहेंगी। अस्पताल में न्यूबोर्न केयर कार्नर भी बनाया जाएगा।
नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत लगभग 1750 डॉक्टर व कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। इसमें 105 गायनोकोलॉजिस्ट, 105 पीडियाट्रिशियन, 105 एनस्थीसिया विशेषज्ञ, 35 पैथोलॉजिस्ट, 35 रेडियोलॉजिस्ट, 140 नर्सिंग स्टाफ, 945 नियोनेटेलॉजिस्ट स्टाफ नर्स, 210 लैब टेक्नीशियन और 70 ओटी टेक्नीशियन की नियुक्ति होगी। इसके अलावा आया, वार्ड ब्वॉय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भी नियुक्ति की जायेगी।
मातृ-शिशु मृत्यूदर रोकने के होंगे विशेष इंतजाम
मातृ व शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। गर्भवती और शिशुओं का उचित उपचार सरकार की विशेष प्राथमिकता है। इसी रणनीति के तहत नए एमसीएच विंग शुरू किये जा रहें हैं। इससे बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम होगा। वहीं उचित समय पर इलाज होने और दूर दराज के अस्पतालों तक दौड़ लगाने से मरीजों को भी राहत मिलेगी। डॉक्टरों और कर्मचारियों को भी रोजगार मिलेगा।