पीजीआई ने 15 वर्ष पश्चात जाँच के शुल्क में की 10 से 50% की वृद्धि, गर्वनिंग बॉडी की स्वीकृति के पश्चात नए शुल्क लागू।

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Lucknow Samachar 1 मार्च 2023: पीजीआई में जांच की कीमतों में हुई वृद्धि के कारण इलाज कराना महंगा हो गया है। संस्थान ने पैथोलॉजी,रेडियोलॉजी सहित दूसरे विभागों में होने वाली जांच के शुल्क में 10 से 50% तक वृद्धि कर दी है।

एक्सरे, सीटी, अल्ट्रा साउण्ड, एमआरआई, पैट स्कैन, बायोप्सी व खून की जाँच पीजीआई ने बढ़े हुए शुल्क पर प्रारंभ कर दी है। इससे मरीजों पर अतिरिक्ति भार पड़ा है। लगभग 15 वर्ष पश्चात पीजीआई ने जांच शुल्क में वृद्धि की है।

लगभग 1 वर्ष पूर्व निडिल, पट्टी, गलव्स, सलाइन वॉटर, रुई सहित सर्जरी, सर्जिकल उत्पादों के शुल्क एवं डायलिसिस की मददगार दवाओं में  50% तक की वृद्धि की जा चुकी है। 

यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार सहित अनेक प्रदेशों से प्रतिदिन लगभग 5 हजार मरीज पीजीआई में आते हैं। चिकित्सक इनमें से लगभग 2 हजार मरीजों की जांच करवाते हैं।

पीजीआई के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गौरव अग्रवाल के अनुसार, जांचों में प्रयोग की जाने वाली किट, केमिकल व दूसरी उपयोगी चीजों के शुल्कों में वृद्धि हुई है। 5 से लेकर 12 वर्ष के पश्चात इन शुल्कों में वृद्धि की गयी है। 

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि,शुल्क में वृद्धि के पश्चात भी पीजीआई में होने वाली जांचों के शुल्क डायग्नोस्टिक सेंटरों व प्राईवेट हास्पिटलों की अपेक्षा अभी भी काफी कम हैं। गर्वनिंग बॉडी की स्वीकृति के पश्चात नए रेट लागू हो गए हैं।

 कुछ विशेष जांचों के रेट में वृद्धि

डॉ. गौरव अग्रवाल ने बताया कि, कुछ विशेष अंग, कंट्रास्ट और कुछ विशेष जांचों के शुल्क में वृद्धि की गयी है। पैट स्कैन, सीटी स्कैन व एमआरआई सहित महंगी जांचों में 10 से 20% शुल्क में वृद्धि हुई हैं। खून की कुछ जांच में 20 से 35% शुल्क वृद्धि की गयी हैं। खून की जो जांच 35 व 37 रुपये में की जाती थी, उनके शुल्क में 50% वृद्धि हुई है।

जांच का नाम  पुराना शुल्क  नया शुल्क

जांच का नाम

पुराना शुल्क  नया  शुल्क 
 सीटी स्कैन 1500 1800
अल्ट्रासाउण्ड  360 450
एमआरआई 4000 4600
पेट स्कैन 9500 10450
टीएलएसी   35 55
पीएलटी  35 55
एक्सरे 150 190
हीमोग्लोबिन   35 55
ईएसआर  35 55

प्राईवेट की अपेक्षाकृत 50% सस्ती

पीजीआई में जांच में हुई शुल्क वृद्धि अभी भी प्राईवेट की अपेक्षाकृत 50% सस्ती हैं। जांच में प्रयोग की जाने वाली किट, केमिकल व अन्य सहयोगी चीजों के शुल्क में वृद्धि के कारण शुल्क में वृद्धि की गई है। 

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