लखनऊ 18 जनवरी 2023: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने मुख्य चुनाव आयुक्त, केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में जाति आधारित रैलियों को प्रतिबंधित किये जाने की अपील पर 4 सप्ताह के अन्दर अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिये हैं। पीठ ने अपीलकर्ता को रिजॉइंटर एफिडेटिव यानी कि प्रति उत्तर दाखिल करने हेतु 2 सप्ताह का वक़्त दिया है।
इसके अतिरिक्त अदालत ने अगली सुनवाई हेतु प्रकरण को 6 हफ्ते के पश्चात सूचीबद्ध करने का भी निर्देश जारी किया है। आपको बता दें कि,जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस सुभाष विधार्थी की पीठ ने मोतीलाल यादव द्वारा 2013 में दाखिल एक जनहित अपील पर यह आदेश जारी किया है।
इससे पूर्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय की इस पीठ ने उत्तर प्रदेश के 4 प्रमुख राजनीतिक दलों को नोटिस देकर जवाब मांगा था कि क्यों न जातिगत रैलियों को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाए। अदालत ने चुनाव आयुक्त से भी प्रश्न किया था कि, इस तरह की रैलियां करने वालों के विरुद्ध क्यों नहीं कार्यवाही होनी चाहिए।
आपको बता दें कि,11 जुलाई, 2013 को एक जनहित अपील पर सुनवाई करते हुए, उच्च न्यायालय की पीठ ने उत्तरी राज्यों में जाति आधारित रैलियों के सम्मेलन पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
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