इलाहाबाद उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला, कोरोना काल में वसूले गये शुल्क का 15% भाग स्कूलों वापस करे।

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लखनऊ 18 जनवरी 2023: कोरोना काल में कक्षाओं का संचालन नहीं होने के पश्चात स्कूलों द्वारा अभिभावकों से पूर्ण शुल्क वसूले जाने के  संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को काफी महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। उच्च न्यायालय ने कोरोना काल में वसूली गई 15 % शुल्क को माफ करने का स्कूलों को आदेश दिया है। अदालत ने बताया कि,उनका यह आदेश वर्ष 2020- 21 के सत्र में वसूले गये शुल्क पर जारी होगा। अदालत के इस आदेश के अंतर्गत अगले 2 माह  में स्कूलों को सत्र 2020-21 में अभिभावकों से वसूले गये शुल्क को अगले शुल्क में समायोजित करना पड़ेगा। एवं जो छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं उनके अभिभावकों को शुल्क वापस करना पड़ेगा।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल एवं न्यायाधीश जे जे मुनीर की डिवीजन खंडपीठ ने, अपीलकर्ता आदर्श भूषण एवं अनेक अन्य अभिभावकों की तरफ से दायर जनहित अपील पर दिया है। अदालत ने यह निर्णय देते हुए जनहित अपील भी निस्तारित कर दी है। प्रकरण की सुनवाई के वक़्त अभिभावकों के वकील की तरफ से उच्च न्यायालय में कहा गया कि, कोरोना काल में छात्रों को स्कूलों ने ऑनलाइन ट्यूशन उपलब्ध कराया था। एवं स्कूलों में बराबर कक्षाएं नहीं चली, जिसके कारण स्कूल केवल ट्यूशन शुल्क ले सकते हैं।

उन्होंने अपील में आगे बताया कि,‘परन्तु इस वक़्त कंप्यूटर लैब शुल्क,मेंटेनेंस शुल्क स्कूलों द्वारा शुल्क में वसूले जा रहे हैं जबकि अन्य शुल्क नहीं वसूले जा सकते हैं।’ अपनी अपील के समर्थन में वकीलों ने सर्वोच्च न्यायालय के  निर्णयों को भी पेश किया, जिस पर सहमति व्यक्त करते हुए उच्च न्यायालय ने अभिभावकों के हित में यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया है।

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