Lucknow Samachar 20 मार्च 2023: रविवार दोपहर लगभग 3 बजे यूपी में 65 घंटे से चल रही बिजली कर्मियों की हड़ताल समाप्त हो गई। समस्त बिजली कर्मियों के काम पर वापस आने पर लोगों ने राहत महसूस की है। कर्मचारियों पर लगे एस्मा सहित सभी तरह के मुकदमे हटाने और निलंबन वापस लेने के के साथ ही बर्खास्त संविदाकर्मियों को भी काम पर लेने का निर्देश ऊर्जा मंत्री ने दिया है।
दूसरी तरफ देर शाम विभाग के अफसर एवं कर्मचारी नेता उच्च न्यायालय में अपनी बात कहने हेतु निकल गये हैं। उच्च न्यायालय ने इन्हें सोमवार को पेश होने का आदेश दिया है।
3 दिसंबर को हुए समझौते लागू करने करने की मांग के संबंध में विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कार्य बहिष्कार किया था। इसके पश्चात भी मांगें न माने जाने पर 16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल प्रारंभ कर दी।
कर्मचारी हड़ताल के सम्बन्ध में 2 भाग में बट गये। पॉवर आफिसर्स एसोसिशन के साथ लगभग 10 संगठनों ने हड़ताल का विरोध करते हुए 2 घंटे अधिक कार्य करने की घोषणा की तो संघर्ष समिति से संबंधित संगठन हड़ताल में सम्मिलित हो गए। अनेक जनपदों में काम काफी उपायों के पश्चात भी बाधित रहा। अनेक जगह कर्मचारी फीडर में ताला बंद कर गायब हो गए तो कहीं शार्ट सर्किट के कारण से समस्या उत्पन्न हुई।
इस पर विधुत आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रों में बुरी तरह बाधित रही। जिस पर 22 कर्मचारी नेता के विरुद्ध निगम प्रबंधन ने एस्मा के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज कराई। लगभग 3 हजार से अधिक संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया। शनिवार देर रात कर्मचारी नेताओं की ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ वार्ता हुई। परन्तु सुबह की बातचीत पर आखिरी निर्णय टाल दिया गया। निगम के अधिकारी जल निगम के फील्ड हॉस्टल लगभग 11 बजे रविवार सुबह पहुचे।
इस दौरान विधुत फील्ड हॉस्टल में कर्मचारी नेता रणनीति तैयार करने में लगे रहे। ऊर्जा मंत्री की उपस्थिति में दोपहर लगभग ढाई बजे जल निगम फील्ड हॉस्टल में बातचीत हुई। किसी शर्त को मानने से ऊर्जा मंत्री ने इनकार किया। विभिन्न मांगों पर उचित कार्यवाही का भरोसा दिया। यह भी बताया कि, कर्मचारियों की बर्खास्तगी भी समाप्त की जाएगी। सभी को काम पर रखा जाएगा। समस्त मुकदमे वापस लिए जाएंगे।
संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने इस पर हड़ताल वापस लेने की घोषणा की। समस्त कर्मचारी दोपहर बाद लगभग 3 बजे काम पर वापस आ गये हैं। वैसे शाम 4 बजे के पश्चात ही अनेक इलाकों में विधुत व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित की जा सकी।
उर्जा मंत्री ने 3 दिसंबर को हुए समझौते के क्रियांवयन एवं अन्य मांगों के समाधान का भरोसा दिया है। ऊर्जा मंत्री ने निगमों के अध्यक्ष एम देवराज को समस्त निलंबन, बर्खास्तगी, मुक़दमे समेत सभी प्रकार की कार्यवाही वापस लेने का निर्देश दिया है।
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