सीबीआई ने लखनऊ उच्च न्यायालय के रिटायर न्यायाधीश एसएन शुक्ला एवं उनके परिजनों के विरुद्ध दर्ज किया मुकदमा, आय से अधिक संपत्ति का मामला

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Lucknow Samachar 24 फरवरी 2023:  सीबीआई ने लखनऊ उच्च न्यायालय के रिटायर न्यायाधीश एसएन शुक्ला एवं उनके परिजनों के विरुद्ध दर्ज किया मुकदमा, आय से अधिक संपत्ति का मामला सीबीआई ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के रिटायर न्यायाधीश एसएन शुक्ला एवं उनके परिजनों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

लगभग 3 साल पूर्व भी सीबीआई ने एसएन शुक्ला के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। एवं, एसएन शुक्ला के साथ साईदीन तिवारी एवं शुचिता तिवारी के स्थानों पर छापा मारकर अनेक विशेष सुबूत जुटाए थे।

नई दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय की एंटी करप्शन यूनिट-टू शाखा ने, एसएन शुक्ला के अतिरिक्त उनकी पहली पत्नी केश कुमारी के भाई साईदीन तिवारी को एवं दूसरी पत्नी शुचिता तिवारी को नामजद किया है।

वास्तव में, जांच में जानकारी मिली कि, शुचिता तिवारी साल 2014-15 में जब एसएन शुक्ला के संपर्क में आई थीं, तो उनके पास कोई चल-अचल संपत्ति नहीं थी।

जांच में लखनऊ के हुसैनगंज स्थित स्टेट ऑफ इंडिया की शाखा से 10 लाख भेजने के सबूत प्राप्त हुए हैं। जिससे शुचिता तिवारी के नाम से फ्लैट खरीदा गया। इसकी जांच के समय उनके परिजनों के नाम आय से अधिक संपत्तियां होने के सबूत प्राप्त होने के पश्चात एक और नया मुकदमा दर्ज किया गया है।

शुचिता तिवारी की बेटी के स्कूल के आईकार्ड में पिता का नाम एसएन शुक्ला लिखा पाया गया। सीबीआई के छापे में लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी स्थित आवास से उनके एवं एसएन शुक्ला के नाम से 18 लाख रुपये की एफडीआर बरामद हुई थी। 

सीबीआई के अनुसार, यह रूपये एसएन शुक्ला ने अनुचित तरीके से अर्जित धन से एकत्र किया था। एसएन शुक्ला के मोबाइल की जाँच के पश्चात शक जताया जा रहा है कि, उन्होंने शुचिता तिवारी एवं साईदीन तिवारी के साथ मिलकर कई संपत्तियों में भी निवेश किया है। तथा अमेठी के शिवशक्ति धाम ट्रस्ट से एसएन शुक्ला को शुचिता तिवारी के खर्चों हेतु धनराशि भेजने के सबूत प्राप्त हुए है।

शुचिता तिवारी को करोड़पति बनने में नहीं लगा वक़्त

उच्च न्यायालय के रिटायर न्यायाधीश एसएन शुक्ला के संपर्क में आने के पश्चात शुचिता तिवारी को करोड़पति बनने में वक्त ही नहीं लगा। जांच में पता चला कि, शुचिता तिवारी फैजाबाद के अद्भुत इंडिया एकेडमिक फाउंडेशन ट्रस्ट और फैजाबाद के एंजेल ग्रुप ऑफ एजूकेशन ट्रेनिंग समाजसेवी संस्थान से बतौर डिप्टी रजिस्ट्रार वेतन भी लेती थीं।

दोनों संस्थानों के एसएन शुक्ला के साथ संबंधों की छानबीन की जा रही है। सीबीआई जांच में पता चला कि, अप्रैल 2014 से दिसंबर 2019 के बीच शुचिता तिवारी ने लखनऊ एवं फैजाबाद में 14 संपत्तियां खरीदीं।

जिनकी कुल कीमत 1.87 करोड़ रुपये है। इनमें लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में फ्लैट, दुकान, फैजाबाद में एलआईजी मकान एवं अनेक कृषि भूमि सम्मिलित हैं। 

तथा शुचिता तिवारी के बैंक खातों में 55.16 लाख रुपये जमा मिले। सीबीआई छापे में उनके फ्लैट से 7 लाख रुपये के गहने, 30 लाख मूल्य की 2 गाड़ियां एवं लगभग 5 लाख रुपये मूल्य का घरेलू सामान बरामद किया गया।

 केवल 40 हजार रुपये दर्शायी की थी आमदनी

छानबीन में पता चला है कि, शुचिता तिवारी ने अपने पहले पति से भत्ता पाने हेतु अदालत में दायर याचिका में अपनी आमदनी महज 40 हजार रुपये दर्शायी थी। इससे प्रमाणित होता है कि, इतनी संपत्तियां एकत्रित करने की उनकी औकात नहीं थी।

पहली पत्नी के भाई के नाम 3 संपत्तियां 

 एसएन शुक्ला की पहली पत्नी के भाई साईदीन तिवारी की पत्नी एवं बच्चों के बैंक खातों में लगभग 1.57 लाख रुपये पाए गये एवं साईदीन तिवारी के नाम 2014 से पहले लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी एवं मोहनलालगंज क्षेत्र में केवल 3 संपत्तियां होने की जानकारी मिली है, जिसका मूल्य लगभग 58 लाख रुपये है।

जब सीबीआई ने अप्रैल, 2014 से दिसंबर 2019 की अवधि के बीच साईदीन तिवारी की चल-अचल संपत्तियों की जाँच की तो इस समय साईदीन एवं उनके परिजनों के बैंक खातों में 8.13 लाख रुपये जमा पाए गये एवं लखनऊ में लगभग 90 लाख रुपये  मूल्य की 4 अन्य संपत्तियां खरीदने की जानकारी मिली। 

जब साईदीन तिवारी की आमदनी का पता सीबीआई ने लगाया, तो पता चला कि 2015-16 से 2020-21 के समय काल में उनकी कुल आमदनी 19.26 लाख रुपये ही थी।

चल-अचल संपत्तियों में किया आय से 165% ज्यादा खर्च

सीबीआई ने जब तीनों आरोपियों की कुल आय एवं व्यय की जाँच की तो मालूम हुआ कि, उन्होंने अपनी आमदनी से 165%  ज्यादा चल-अचल संपत्तियों में खर्च किया। जाँच में मालूम हुआ कि, एसएन शुक्ला की 2014 में कुल 75.93 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति थी। वहीं दिसंबर, 2019 में उनके पास कुल 1.32 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति होने के सबूत प्राप्त हुए हैं।

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