लखनऊ 17 जनवरी 2023: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शीघ्र ही अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त कर सकते हैं। प्रदेश में भाजपा के विरुद्ध आंदोलन को गति प्रदान करने हेतु शिवपाल को यह जिम्मेदारी सौपी जाएगी। इसके अतिरिक्त उनके पुत्र आदित्य यादव को भी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिया जाना तय है।
इन मुद्दों के संबंध में सोमवार को अखिलेश यादव एवं शिवपाल के मध्य विचार-विमर्श किया गया। अति पिछड़ों व दलितों का सहयोग लेकर संगठन के विस्तार में भी दोनों में एकमत बना। मैनपुरी लोकसभा चुनाव में विजय प्राप्त करने के पश्चात सपा-प्रसपा का विलय हो गया है।विगत दिनों अखिलेश ने बताया था कि, शुभ दिन आने पर संगठन का विस्तार करेंगे।
चूँकि वह शुभ दिन सोमवार को आ गया एवं विगत विधानसभा चुनाव के पश्चात पहली बार अखिलेश शाम को लखनऊ में शिवपाल के घर गये। दोनों के मध्य लगभग 45 मिनट तक राजनीतिक विचार-विमर्श हुआ।
जानकारों के अनुसार,शिवपाल व आदित्य के अतिरिक्त उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले नेताओं को भी समायोजित करने पर एकराय बनी। इस बार राष्ट्रीय एवं प्रदेश कार्यकारिणी में कुछ नए चेहरों को स्थान मिल सकता है। नए पदाधिकारियों के संबंध में भी दोनों के मध्य वार्ता हुई है।
पार्टी के रणनीतिज्ञों के अनुसार,शिवपाल के नेतृत्व में जनपदवार आंदोलन प्रारंभ किया जा सकता है। क्योंकि सपा निकाय चुनाव के अतिरिक्त लोकसभा चुनाव में भी विस्पोटक उपस्थिति दिखाना चाहती है।जिसके लिए शिवपाल का मैदान में आना आवश्यक समझा जा रहा है। पिछले हफ्ते शिवपाल ने स्वयं बताया था कि, अखिलेश उनके भतीजे हैं। वे पूरे देश के नेता हैं।
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