Lucknow Samachar 7 मार्च 2023: यूपी में एम्स एवं एसजीपीजीआई के आधार पर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान खुलेगा। वाराणसी में इस संस्थान को खोलने की योजना है। यह यूपी का पहला संस्थान होगा। इसमें अधिक से अधिक स्पेशलिस्ट डाक्टर बनाये जायेंगे।
इसमें स्पेशलिस्ट मेडिकल सुविधाएँ आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से उपलब्ध होंगी। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेद के क्षेत्र में रिसर्च किए जा सकेंगे।
अब यूपी में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) की स्थापना करने की योजना है। यूपी में एलोपैथ विधा में एम्स,एसजीपीजीआई एवं केजीएमयू हैं, परन्तु आयुर्वेद के केवल मेडिकल कॉलेज हैं।
इसलिए आयुर्वेद विधा में अलग-अलग अंगों के अनुसार से एकीकृत स्पेशलिस्ट मेडिकल सुविधाएं कम मिल पाती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार को आयुर्वेद विभाग ने प्रस्ताव भेज दिया है।
इसे वाराणसी में खोलने की योजना है। लगभग 500 बेड का आयुर्वेद हास्पिटल संस्थान में होगा। इसमें आयुर्वेद लैब एवं उपचार की व्यवस्था मरीजों की जांच हेतु उपलब्ध होगी।
आयुर्वेद निदेशक प्रो पीसी सक्सेना ने कहा कि, प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। इसके पश्चात इसके निर्माण की पुख्ता कार्ययोजना अनेक विभाग मिलकर बनायेंगे। विभागवार अनुसंधान केंद्र भी होंगे।
परास्नातक (एमडी- एमएस) कोर्स में शिक्षण एवं अध्यापक कार्य आयुर्वेद के समस्त विषयों में हो सकेगा। यदि वाराणसी में किसी कारणवश जमीन उपलब्ध नहीं हो पाती है, तो निकट के अन्य जनपदों में जमीन ढूँढ़ी जाएगी।
नई-नई दवाओं की होगी खोज
इस संस्थान के खुलने से बीमारी को दूर करने हेतु नई-नई दवाओं की खोज होगी। प्रदेश में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की आयुर्वेद से सम्बंधित परियोजनाओं भी रिसर्च हेतु आ सकेंगी।
आयुर्वेदिक दवा के बाजार के साथ यहां बनने वाले कच्चे उत्पाद की मांग बढ़ेगी। आयुर्वेद विधा को इस संस्थान के खुलने से बढ़ावा मिलेगा। स्पेशलिस्ट वाले कोर्स प्रारंभ किए जा सकेंगे। इससे आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में रोजगार भी बढेंगे।
संस्थान की बनेगी नई नियमावली
देश एवं विदेश में चल रहे राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर समेत आयुर्वेद के अन्य विशेषज्ञता वाले संस्थानों से भी वहां की व्यवस्थाओं की रिपोर्ट मंगाई गई है।
प्रदेश में खुलने वाले संस्थान की नई नियमावली वहां चलने वाले कोर्स, शोध, उपचार की व्यवस्था, संस्थान चलाने की नियमावली इत्यादि का अध्ययन करने के पश्चात बनेगी।
आयुष एवं एफएसडीए मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. दयाशंकर मिश्र दयालु के नेतृत्व में एक टीम नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का निरीक्षण कर चुकी है। वहां की व्यवस्थाओं, सुविधाओं और संचालन की पूरी नियमावली के बारे में जानकारी प्राप्त की गई है। आपको बता दें कि, नई दिल्ली, राजस्थान के अतिरिक्त गोवा, पंचकुला, में भी इस प्रकार के संस्थान खोले गए हैं।
ऐतिहासिक बनाने का है प्रयास
देश-दुनिया के आयुर्वेद स्पेशलिस्टों से एडवाइज लेकर इसे अंतरराष्ट्रीय मानक के आधार पर बनाया जायेगा। प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। वहां से स्वीकृति प्राप्त होते ही आगे की कार्यवाही प्रारंभ कराई जाएगी।
प्रदेश में खुलने वाले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान को ऐतिहासिक बनाने की कोशिश है। यह प्रदेश ही नहीं समस्त देश हेतु महत्वपूर्ण होगा।
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