सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले 4 ठग पकडे गये, ठगों के पास से मिले महत्वपूर्ण अभिलेख

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लखनऊ 05 फरवरी 2023: सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के 4 ठगों को गुरुवार देर रात चारबाग के आशीर्वाद होटल के पास से एस टीएफ ने पकड़ लिया है। इनके पास से 6 मोबाइल, अनेक महत्वपूर्ण अभिलेख एवं 49 जाली नियुक्ति पत्र मिले हैं।

एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश कुमार शाही के अनुसार, ठगों की पहचान बाराबंकी के दीनदयाल नगर के पवन वर्मा, वाराणसी के लोहता कोटवा निवासी राहुल सिंह, राजाजीपुरम मिनी स्टेडियम के पास रहने वाले अंकित श्रीवास्तव, मऊ के घोसी मिर्जा जमालपुर पकरी के अजीत सिंह के रूप में की गयी है। 

राहुल ने कहा कि, गैंग का मुखिया समीर है। गैंग में मोहित खरे, आकांक्षा श्रीवास्तव, महिपाल, आनंद मिश्रा एवं कुलवीर सिंहानिया भी है। पकडे गये ठगों में शामिल पवन वर्मा रेलवे मेल सर्विस में पोस्टल सहायक के पद पर नियुक्त है।

ठगों को अदालत में किया हाजिर, भेजा गया जेल

एसटीएफ एसआई अतुल के अनुसार, रेलवे व डाक विभाग में नौकरी हेतु पवन वर्मा बड़ा अफसर बनकर इंटरव्यू लेता था। आकांक्षा व मोहित फर्जी नियुक्ति पत्र बनाते थे। एसबीआई व सीआईएसएफ में नौकरी हेतु बरेली का कुलवीर सिंहानिया व राजस्थान का महिपाल इंटरव्यू लेता था। खाद्य निगम, आईआरसीटीसी विभाग में भर्ती के लिए बस्ती का आनंद मिश्रा इंटरव्यू लेता एवं लेनदेन करता था।

एसटीएफ एसआई अतुल ने बताया कि, एसटीएफ द्वारा नाका थाने में केस लिखवाया गया, एवं ठगों को शुक्रवार को अदालत में हाजिर किया गया। वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

पीड़ितों की शिकायत पर हुई कार्यवाही

एसटीएफ के अनुसार, पीड़ितों को आशीर्वाद होटल के निकट नियुक्ति पत्र देने हेतु बुलाया भी गया था। लखनऊ के पति-पत्नी  आकांक्षा व मोहित खरे फर्जी नियुक्ति पत्र बनवाते थे। गैंग ने छपरा के 4 एवं जौनपुर के 1 युवक को भी ठगा है। पीड़ितों की शिकायत पर कार्रवाई की गयी।

बेरोजगारों को दिया जाता था 1 माह का प्रशिक्षण

एसटीएफ के अनुसार, पूछताछ में ठगों ने बतया कि, बेरोजगारों को 1 माह का प्रशिक्षण आरएमएस का पोस्टल सहायक पवन शर्मा ही करता था। वह बेरोजगारों को जीपीओ व आरएमएस में बतौर इंटर्न (प्रशिक्षु) अपने अफसरों  से भेंट करवाता था। 1 माह का विशेष प्रशिक्षण दिलवाता था। इस  वक़्त 10 हजार रुपये तक स्टाइपेंड भी उपलब्ध कराता था। उसके पश्चात पं. बंगाल, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा एवं आंध्रप्रदेश समेत अन्य प्रदेशों में नियुक्ति की बात बताकर नियुक्ति पत्र उपलब्ध करा देता था।

अनेक महत्वपूर्ण अभिलेख हुए हैं प्राप्त 

सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के सदस्य राहुल, अजीत, पवन और अंकित के पास से बरामद मोबाइल में  अनेक महत्वपूर्ण अभिलेख प्राप्त हुए हैं। केवल राहुल के आई फोन से 800 फर्जी नियुक्ति पत्र, सैकड़ों बेरोजगारों से चैटिंग प्राप्त हुई है। इसमें विभाग, पद, प्रशिक्षण, इंटरव्यू, वेतन, नियुक्ति का स्थान एवं नौकरी के लिए कितने का खर्च होता है इसकी चैट है। बरामद मोबाइल फारेंसिक लैब भेजे जायेंगे।

ठगों ने लगभग 1 हजार युवकों से करोड़ों की ठगी की है। यही नहीं, गिरोह के गुर्गे जीपीओ और रेलवे मेल सर्विस (आरएमएस) के कार्यालय में बेरोजगारों के जाली इंटरव्यू लेते थे। आरोपियों ने कहा कि, आईबी, मिलिट्री इंटेलीजेंस व सीआईएसएफ में सब इंस्पेक्टर व इंस्पेक्टर की  नियुक्ति हेतु 20 लाख तक वसूले गये है।

एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश कुमार शाही केअनुसार, गैंग का मुखिया झारखंड का समीर है। उसके पश्चात गैंग कुलवीर सिंहानिया देखता है, जबकि राहुल व अजीत बेरोजगारों को फंसाकर इंटरव्यू लेते थे। डाक विभाग की नौकरी हेतु पवन बेरोजगारों से जीपीओ में अधिकारी बन इंटरव्यू लेता था तो रेलवे के लिए आरएमएस कार्यालय का  प्रयोग करता था। पूछताछ में बताया कि 5-20 लाख तक वसूलते थे। 

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