लखनऊ 01 फरवरी 2023: गोरखनाथ मंदिर में हमला करने व देश के विरुद्ध युद्ध करने एवं अन्य मामलों में दोषी पाये गये अहमद मुर्तजा को एटीएस की विशेष अदालत ने फांसी की सजा दी है। सोमवार शाम विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने दिये गये अपने फैसले में कहा कि, मुर्तजा को गर्दन से तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाये।
अभियुक्त मुर्तजा ने 3 अप्रैल 2022 को गोरखनाथ मंदिर के गेट नं.-1 से बांके सहित घुसने का प्रयास किया था। जिस पर सिपाही अनिल कुमार पासवान द्वारा रोके जाने पर सिपाही को घायल कर उसका हथियार भी छिनने की कोशिश की थी। अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों द्वारा पकड़ने के प्रयास करने पर धार्मिक उन्माद फ़ैलाने वाले नारे लगाते हुए बांके से हमला किया था। मुर्तजा पर इस्लामिक स्टेट [आईएस] की विचारधारा से प्रभावित होकर जिहाद के विचार से भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करके देश की अखंडता एवं एकता को चैलेंज करने का आरोप था। इस पूरे प्रकरण की जाँच एटीएस को दी गयी थी ।
लोन वुल्फ अटैक शैली में जिहाद का आरोप
एटीएस के एपीओ नागेन्द्र गोस्वामी ने अदालत से कहा कि, आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी ने आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित होकर ”लोन वुल्फ अटैक” शैली में जिहाद करने के विचार से भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करने की सोंच से गोरखनाथ मंदिर में हमला किया एवं धारदार हथियार से हमला करके भयावह स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश की है।
एपीओ ने अदालत को बताया कि, ”लोन वुल्फ अटैक “ आतंक का एक नया चेहरा बनकर सामने आया है। यह संगठन अब लोन वुल्फ़ शैली की मदद लेकर अपने संगठन से संबंधित आतंकियों के द्वारा हमले करवाता है। यह काउंटर टेरेरिज्म हेतु नई चुनौतियां ला रहा है। अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलील को सुनने के पश्चात दोषी को फांसी की सजा सुनायी है।
मुर्तजा को मिली इन आरोपों में सजा
- विशेष कोर्ट ने आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को देश के विरुद्ध युद्ध करने के आरोप में फांसी एवं 10 हजार रुपये हर्जाने का फैसला सुनाया।
- आईपीसी धारा-307 के अंतर्गत, जानलेवा हमले के संबंध में आजीवन कारावास एवं 5 हजार का हर्जाना।
- आईपीसी धारा-153-क के अंतर्गत, धर्म व भाषा के आधार पर अलग-अलग वर्गों के बीच शत्रुता फैलाने, शांति भंग करने के आरोप में 5 साल की जेल एवं 2 हजार रुपये हर्जाना।
- आईपीसी धारा-186 के अंतर्गत, लोकसेवक के सार्वजनिक कर्तव्यों के निर्वहन में स्वेच्छापूर्वक बाधा डालने में 3 महीने की जेल।
- आईपीसी धारा- 332 के अंतर्गत, किसी लोकसेवक को उसके कर्तव्यों को करने से रोकने, भयभीत करने एवं नुकसान अथवा चोट पहुंचाने के आरोप में 3 वर्ष की सजा।
- आईपीसी धारा-333 के अंतर्गत, ड्यूटी पर नियुक्त लोकसेवक के जीवन को संकट में डालने के लिए गंभीर रूप से घायल करने के आरोप में 3 वर्ष की सजा एवं 5 हजार रुपये का हर्जाना।
- आईपीसी धारा-394 के अंतर्गत, लूट करने या लूट करने की कोशिश में किसी को चोट पहुंचाने के आरोप में 10 वर्ष की जेल एवं 5 हजार रुपये का हर्जाना।
- आर्म्स एक्ट धारा 4/25 के अंतर्गत, धारदार अवैध हथियार रखने के आरोप में 3 वर्ष की सजा एवं 1 हजार रुपये का हर्जाना।
- क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट धारा 7 के अंतर्गत, 3 माह की जेल एवं 1 हजार रुपये का हर्जाना।
- विधि विरुद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम की धारा 16, 20 एवं 49 में दोषी पाए जाने पर 10-10 वर्ष की जेल एवं 5-5 हजार रुपये का हर्जाना।
- आईपीसी की धारा-121 के अंतर्गत फांसी की सजा—
अदालत ने आई पी सी की धारा-121 के अंतर्गत, इस संबंध में दोषी पाये गये आरोपी को फांसी की सजा दी गयी है। इससे साबित होता है की पुलिस की तहकीकात सही थी।
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार के अनुसार, गोरखनाथ मंदिर में हमला करने के दोषी को 60 दिन तक चली सुनवाई के पश्चात सजा सुनायी गयी है। जाँच में यह भी प्रकाश में आया कि, आरोपी आईएसआईएस की विचार धारा को मानता है, एवं उनके समर्थकों से भी इसका सीधा संबंध था। आरोपी के पास से काफी तादात में आईएसआईएस समेत अन्य वैश्विक आतंकी संगठनो की जेहादी साहित्य भी मिली थी।
अदालत में अभियोजन पक्ष ने कहा कि, एटीएस के जाँच के समय यह बात पता चली कि, आरोपी मुर्तजा आईआईटी मुंबई से पढ़ा है,उसके वित्तीय लेन-देन के विश्लेषण से जानकारी मिली कि, वह सीरिया से संबंधित आतंकी संगठनो को आतंकी फंडिंग करता था, एवं घटना को अंजाम देने के पश्चात सीरिया भागने की योजना बना रहा था।
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