लखनऊ 16 फरवरी 2023: यूपी के आयुष कॉलेजों में बिना नीट परीक्षा के जाली अभिलेखों से 982 छात्रों के एडमिशन के संबंध में एसटीएफ ने पूर्व आयुर्वेद निदेशक एसएन सिंह सहित 15 आरोपियों के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया है। कई आरोपी जेल में हैं। आरोपपत्र को विशेष न्यायाधीश सोमप्रभा मिश्र ने केस दर्ज किया है।
नियम विरुद्ध तरीके से बनाया था एडमिशन करने का षड़यंत्र
एसटीएफ के अनुसार छानबीन में पता चला है कि, अफसरों ने कालेज प्रबंधन एवं प्राइवेट वेंडरों के साथ नियम विरुद्ध तरीके से एडमिशन करने का षड्यंत्र बनाया था। यूपी एसटीएफ इससे संबंधित लोगों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।
जिसमें विभागीय लोगों से लेकर कालेज प्रबंधक तक सम्मिलित हैं। जिसके कारण एसटीएफ ने हजरतगंज थाने में केस दर्ज कर इससे संबंधित लोगों की गिरफ्तारी की थी। इसी क्रम में 15 आरोपियों के विरुद्ध 3 महीने में विवेचना पूर्ण करते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है।
आरोपी 15 लोगों का विवरण
एसटीएफ ने इस संबंध में अपट्रान पॉवर के तकनीकी सहायक रूपेश, अपट्रोन पावर ट्रॉनिक्स के एजीएम प्रबोध सिंह, रिमार्क टेक्नोलॉजी के पार्टनर रूपेश रंजन पांडेय, पार्टनर इंद्रदेव मिश्र, कुलदीप वर्मा, टेक्नीशियन आईटी सॉल्यूशन निदेशक सौरभ मौर्य, निदेशक हर्षवर्धन तिवारी उर्फ सोनल, अपट्रान पॉवर के तकनीकी सहायक रूपेश, विजय यादव, धर्मेंद्र यादव और आलोक त्रिवेदी, वीथ्री साफ्ट सॉल्यूशन निदेशक गौरव के विरुद्ध धोखाधड़ी, कूटरचना, धोखाधड़ी षड़यंत्र एवं आईटी एक्ट में आरोपपत्र दाखिल किया है।
पूर्व आयुर्वेद डायरेक्टर सत्यनारायण सिंह,वरिष्ठ सहायक आयुर्वेद निदेशालय राजेश सिंह, निलंबित प्रभारी अधिकारी शिक्षा आयुर्वेद निदेशालय डॉ. उमाकांत, कनिष्ठ सहायक कैलाश चंद्र भाष्कर और निलंबित प्रभारी अधिकारी शिक्षा आयुर्वेद निदेशालय डॉ. उमाकांत के विरुद्ध भ्रष्टाचार, आईटी एक्ट, धोखाधड़ी, कूटरचना, षड़यंत्र करने समेत अन्य धाराओं में आरोप पत्र लगाया है।
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