लखनऊ 15 फरवरी 2023: एसटीएफ ने सोमवार को शहर से ओवरलोड वाहनों को आरटीओ की नजरों से बचाकर निकालने वाले गैंग का भेद खोलते हुए गैंग मुखिया सहित 4 शातिरों को गिरफ्तार किया है। इसके गैंग में 10 सदस्यों के बारे में सूचना मिली है। एसटीएफ ने इस संबंध में विभूतिखंड थाने में मुकदमा दर्ज कराया है, एवं अन्य फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।
एसटीएफ के अनुसार, स्थाई रूप से बिहार के चंपारण का निवासी सतीश सोनी विभूतिखंड में रहता है। उसने एक गैंग बना रखा है। ये ट्रांसपोर्टरों व ट्रक ड्राइवरों को इस बात की मुखबिरी करते थे कि, कहां आरटीओ चेकिंग चल रही है। जब चेकिंग हट जाती तो ये सरलता से ओवरलोड गाड़ियाँ पास करवा देते थे।
गैंग के सदस्य प्रत्येक रात शहर के भिन्न-भिन्न इलाकों में भेजे जाते थे। एसटीएफ ने गैंग के 4 लोग सतीश, विशाल, राहुल व मुकुल को गिरफ्तार किया है। फरार अन्य 6 -7 आरोपियों की तलाश की जा रही है।
सतीश चलता था मर्सडीज कार से
एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार, मुखिया सतीश बहुत शातिर है, सतीश मर्सडीज कार से चलता था। पूछताछ में सतीश ने बताया कि, उसने गैंग के सभी सदस्यों को वाकी-टाकी उपलब्ध कराया था।
वॉकी टॉकी का प्रयोग अनेक कारणों से करता था। पहला कारण था कि, इससे सरलता से एक साथ वार्ता हो जाती थी। वहीं मोबाइल का प्रयोग न करने से पकड़े जाने की उम्मीद नहीं रहती थी। वह हाईटेक तरीके से गैंग को संचालित करता था। एसटीएफ ने सतीश की मर्सडीज कार भी बरामद कर ली है।
ट्रांसपोर्टरों के साथ कर रखी थी डील
एक-एक ट्रांसपोर्टर के पास दर्जनों गाड़ियाँ रहतीं हैं। गैंग एक गाड़ी पास कराने के बदले में प्रत्येक महीने 5 से 10 हजार रुपये वसूलता था। इसलिए गैंग प्रत्येक माह करोड़ों का खेल करता था। गैंग ने दर्जनों ट्रांसपोर्टरों के साथ डील कर रखी थी। बाकायदा व्हाट्सएप पर ग्रुप बना रखे थे।
पकडे गये आरोपियों के नाम
- गैंग लीडर सतीश सोनी, विभूतिखंड (स्थाई निवास चंपारण, बिहार)
- मुकुल
- विशाल गौतम, बस्ती
- राहुल बिष्ट, उत्तराखंड
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