लखनऊ 19 जनवरी 2023: 14 जनवरी को एक 3 वर्ष के बच्चे की मृत्यु हो गई। जिसके पश्चात परिवार वालों ने बच्चे को दफना दिया। इस घटना के 3 दिन पश्चात दादी को सपना दिखा कि बच्चा जिंदा है। इस पर अंधविश्वास में उलझकर बच्चे के जिन्दा होने की बात बताते हुए कब्र खोद दी। फिर उसे हास्पिटल ले गए। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत करार कर दिया। इसके पश्चात भी परिवार वाले उपचार करने की जिद करते रहे।
यह प्रकरण दुबग्गा के सैदपुर महरी गांव का है। सुनील रावत के 3 वर्ष के बच्चे अक्षत की विगत शनिवार को एकाएक तबीयत ख़राब हो गई। जिस पर परिवार वाले उसे लेकर निजी हास्पिटल गये। परन्तु चिकित्सकों ने उसे मृत करार दिया। इसके पश्चात उसकी लाश को गांव के बाहर दफना दिया। सोमवार की रात अक्षत की दादी ने सपना देखा कि वह जिंदा है। उन्होंने इसकी सूचना परिजनों को दी।
मंगलवार की सायं 4 बजे कब्र पर परिवार वालों ने पूजा पाठ किया। फिर कब्र खोदकर अक्षत की लाश को बाहर निकाला। सुनील के अनुसार, बच्चे को साफ किया गया। उसका शरीर गर्म था। बच्चे को गोद में लेकर पूजा, पाठ किया गया। फिर उसे बलरामपुर हास्पिटल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने कहा कि, बच्चा मर चुका है।
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