मध्यांचल विधुत वितरण निगम ने खारिज किया अडाणी ग्रुप की निविदा, निविदा की दर संभावित कीमत से लगभग 48 से 65% अधिक।

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लखनऊ 06 फरवरी 2023: मध्यांचल विधुत वितरण निगम ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित वैश्विक गिरावट के वक़्त अडाणी पावर ट्रांसमिशन को उत्तर प्रदेश में झटका देते हुए कंपनी को स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की निविदा को खारिज कर दिया है।

इनके कार्य करने का आदेश निकलने वाला था, परन्तु निविदा के प्रावधान के अनुसार, प्रत्येक मीटर का मूल्य लगभग 9 से  10 हजार रूपये पड़ रहा था यानि इस निविदा की दर संभावित मूल्य से लगभग 48 से 65% ज्यादा थी। इसकी कीमत करीब 5400 करोड़ है। जबकि संभावित मूल्य 6 हजार रूपये प्रति मीटर है, इस वजह से इनकी निविदा के संबंध में विरोध होने लगा।

इसी प्रकरण में उपभोगता परिषद् ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए महंगा मीटर लगाकर उपभोगताओं पर अतिरिक्त भार डालने का आरोप लगाया। इसके संबंध में यूपी पावर कारपोरेशन लि.ने उर्जा मंत्री से प्रति मीटर ज्यादा कीमत होने के बारे में मशवरा लिया, परन्तु वहां से कारपोरेशन के ऊपर ही निर्णय डाल दिया गया। इसी समय नियामक आयोग में परिषद् ने अपील  भी दाखिल कर दी।

मध्यांचल विधुत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता [ वित्त ] अशोक कुमार ने, इस संबंध में परिस्थितियों के मद्देनजर अडाणी ग्रुप की निविदा खारिज कर दी। 

अधीक्षण अभियंता के अनुसार, निविदा तकनीकी वजहों से खारिज की गयी है। इसका विस्तृत उल्लेख अभिलेख देखने के पश्चात ही कर पाएंगे। अब पूर्वांचल, पश्चिमांचल, दक्षिणांचल एवं डिस्कास की निविदा पर भी निगाहें टिकी हैं। दक्षिणांचल में भी अडाणी ग्रुप की निविदा है।

निविदा खारिज करने को बताया उचित

मध्यचल विधुत वितरण निगम द्वारा अडाणी ग्रुप की निविदा खारिज करने को राज्य विधुत उपभोगता परिषद् के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने, उचित बताया है। परिषद् अध्यक्ष ने उपभोगताओं पर अतिरिक्त भार नही पड़ने देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। परिषद् ने महँगी निविदा के द्वारा उपभोगताओं पर अतिरिक्त भार नही डालने की पावर कारपोरेशन प्रबंधन से अपील की थी। सुनवाई नहीं होने पर नियामक आयोग में अपील दायर करने के अतिरिक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी अपील की थी।

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