सहारा हास्पिटल प्रबंधन व चिकित्सक पर 80 लाख का जुर्माना, आपरेशन के दौरान मरीज के पेट में छोड़ा स्पंज व कॉटन

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Lucknow Samachar 12 मार्च 2023: मरीज के पेट में सर्जरी के दौरान स्पंज व कॉटन का बंडल छोड़ देना सेवा में की गई बड़ी लापरवाही को दर्शाता है। इसके लिए 80 लाख का जुर्माना सहारा हास्पिटल प्रबंधन व सर्जरी करने वाली चिकित्सक डॉ. अंजली सोमानी को संयुक्त अथवा भिन्न-भिन्न तौर पर पीड़िता को देना पड़ेगा।

राज्य उपभोक्ता आयोग के न्यायिक सदस्य राजेंद्र सिंह व विकास सक्सेना की पीठ ने यह आदेश दिया है। प्रस्तुत वाद में गोमती नगर स्थित सहारा हास्पिटल में पीड़ित शिव शंकर ने पत्नी सुमेना त्रिपाठी को 18 सितंबर 2013 को बच्चे की डिलीवरी हेतु भर्ती कराया था। जहां उसका प्रसव डॉ. अंजली सोमानी ने आपरेशन से कराया।

10 अक्तूबर को उसे बच्चे के जन्म के पश्चात घर भेज दिया गया। इसके करीब 4-5 महीने बाद सुमेना के पेट में अत्यधिक दर्द रहने लगा। अनेक चिकित्सकों को उसे उपचार हेतु दिखाया गया।

जांच कराने पर पता चला कि, उसके पेट में स्पंज व कॉटन का एक बंडल डिलीवरी के समय हुई सर्जरी के दौरान छूट गया, जो भीतर ही भीतर सड़ गया है। इसका उपचार करने के दौरान उसकी ऑत तक काटनी पड़ी।

सर्जन ने बाद में सर्जरी करके एब्डोमिनल वाल में बड़ी आंत के एक सिरे को मलद्वार के लिए एक बड़ा थैला भीतर ही भीतर बनाकर उसमें लगाया। पीड़िता के इस दौरान 4 महीने तक कैथेटर भी लगा लगा रहा।

पति शिव शंकर ने इस लापरवाही की क्षतिपूर्ति हेतु सहारा अस्पताल प्रबंधन व सर्जरी करने वाली डॉ. सोमनी के विरुद्ध राज्य उपभोक्ता आयोग में जुर्माना वाद प्रस्तुत किया।

आयोग की न्यायिक पीठ ने वाद से सम्बंधित अनेक बिन्दुओं पर सुनवाई के पश्चात पाया कि सहारा अस्पताल द्वारा सेवा में लापरवाही की गई है। सुमेना त्रिपाठी के पेट में आपरेशन के दौरान की गई अत्यधिक लापरवाही के कारण ही स्पंज व कॉटन का बंडल छूट गया।

इसलिए पीड़िता व उसके परिवार को हुई मानसिक यंत्रणा, अवसाद व अन्य परेशानी का जिम्मेदार मानते हुए अस्पताल प्रबंधन व सर्जरी करने वाली चिकित्सक को ब्याज के साथ 80 लाख रुपये की जुर्माना राशि भुगतान करने का आदेश दिया जाता है।

आदेश में बताया गया है कि, 45 दिन की समयावधि में यदि उक्त धनराशि का भुगतान नहीं किया गया तो देय राशि पर 15% वार्षिक की दर से साधारण ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा।

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