पीडब्लूडी के कार्यों की धीमी रफ़्तार, बजट सरेंडर होने पर मुख्य अभियंता सीधे जिम्मेदार।

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लखनऊ 28 जनवरी 2023: पीडब्लूडी के मुख्य अभियंता संदीप कुमार ने नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य अभियंताओं को चेतावनी दी है कि यदि बजट सरेंडर हुआ तो वे सीधे जिम्मेदार होंगे।

वित्तीय वर्ष के समाप्ति की ओर होने के पश्चात भी सड़कों के संचालित कार्यों हेतु प्रदेश सरकार के बजट देने के बावजूद स्थानीय खण्डों से आवश्यकतानुसार धन की मांग नहीं की जा रही है।

विभाग पंडित दीन दयाल उपाध्याय एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी योजना के अंतर्गत भी बजट का कम उपयोग कर रहा है। सड़क सुरक्षा, जिलास्तरीय सड़कों एवं केंद्रीय रोड फंड्स का भी काफी बजट अभी तक बचा हुआ है।

जिसके लिए पीडब्लूडी के विभागाध्यक्ष ने मुख्य अभियंताओं को पत्र जारी करते हुए कहा है कि, 31 मार्च तक पूर्ण किये जाने वाले कार्यों हेतु अधीनस्थ खण्डों से मांग पत्र लेते हुए मुख्यालय भेजना सुनिश्चित करें।

विभाग के 25 जनवरी तक के आकड़ो के अनुसार,जीआरएफ के तहत 2800 करोड़ में से 25566.17 करोड़ का बजट अभी तक बचा हुआ है, राज्य योजना [ प्रमुख जिला व अन्य जिला मार्ग ] हेतु प्रावधानित 3411.68 करोड़ में से 2128.75 का ही आवंटन हुआ है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय योजना में 41.83 करोड़ एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी योजना में 15.62 करोड़ का बजट बचा है, रोड सेफ्टी मद में 200 करोड़ रूपये के बजट में 56.19 करोड़ ही आवंटित हुए हैं।

इन मदों में बचा बजट

  • राज्य योजना (स्टेट हाईवे) 387.19 करोड़
  • अनजुड़ी बसावटें 332.73 करोड़
  • नाबार्ड (चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण) 223.85 करोड़
  • नाबार्ड (ग्रामीण सड़क) 81 करोड़
  • बाईपास 176.38 करोड़
  • इंटर स्टेट कनेक्टिविटी 54.26 करोड़
  • पर्यटन 94.87 करोड़
  • जिला योजना (पुननिर्माण) 3.11 करोड़
  • जिला योजना (नव निर्माण) 45.61 करोड़

ठेकेदारों के विरुद्ध हो कार्यवाही

विभाग के एक अभियंता के अनुसार, ठेकेदारों एवं अभियंताओं के आपसी गठबंधन के कारण कार्यों में विलम्ब होता है।   

शासन द्वारा स्पष्ट निर्देशित किया गया है कि, कार्यों में विलम्ब करने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध कार्यवाही की जाये,परन्तु विभागीय अभियंता कुछ नही करते।

अनेकों बार ठेकेदारों को ठेका देते समय इस बात की जाँच नही जाती की ठेकेदार के पास पर्याप्त साधन हैं अथवा नही,क्योकि ठेकेदार अक्सर अपने प्लांट व मशीनो की क्षमता से अधिक कार्य लेते हैं। 

पीडब्लूडी के विभागाध्यक्ष संदीप कुमार के अनुसार, कार्यों की रफ़्तार में वृद्धि हेतु ठेकेदारों द्वारा लापरवाही बरतने पर उनके विरुद्ध पेनाल्टी लगायी जाये। स्थानीय स्तर पर ठीक से योजना के साथ निगरानी की जाये तो कार्यों के रफ़्तार में वृद्धि होगी। 

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