लखनऊ 30 जनवरी 2023: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में चिकित्सा विधालयों की तरह अब 50 बेड एवं 200 बेड के हास्पिटल भी पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप [पीपीपी] माडल पर खोले जाने हेतु नीति तैयार की है। इन हास्पिटलों में आयुष्मान समेत अन्य योजनाओं के साथ मरीजों का मुफ्त उपचार किया जायेगा।
सरकार प्राईवेट क्षेत्र के निवेशकों को हास्पिटल के क्षेत्र में निवेश हेतु प्रयासरत है। सरकार का प्रयास है कि, प्रदेश में अधिक से अधिक नये हास्पिटलों को तैयार कर मरीजों का कम शुल्क में उपचार किया जाये। जिसके लिए सरकार प्राईवेट क्षेत्र की कंपनी से एमओयू करेगी।
राज्य सरकार की ओर से अवेसित जनपदों में पीपीपी माडल पर खोले जा रहे चिकित्सा विधालयों की तरह हास्पिटल खोलने हेतु नीति तैयार की गयी है।
सरकार एवं कंपनी के बीच निर्धारित किया जायगा उपचार का शुल्क
सरकार एवं कंपनी के बीच उपचार का शुल्क निर्धारित किया जायेगा। कार्पोरेट कंपनी हास्पिटल तैयार करेगी, जिसके लिए सरकार पीपीपी माडल पर तैयार किये जाने वाले हास्पिटल हेतु वाइबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के अंतर्गत जमींन प्रदान करेगी। लगभग 30 वर्ष पश्चात यह हास्पिटल उसी स्थिति में सरकार को वापस कर दिया जायेगा ।
इसमें दुसरे विकल्प के अनुसार, प्राईवेट क्षेत्र की कंपनी स्वयं जमीन खरीदते हुए हास्पिटल बनवाएं एवं उसकी देखभाल व अन्य सुविधायें भी स्वयं संचालित करें।फिर निर्धारित अवधि के पश्चात हास्पिटल सरकार को लौटा दें।
जिसके लिए तय नियम व शर्तों के अनुसार, सरकार एवं प्राईवेट कंपनियों के साथ एमओयू होगा ।एवं 200 बेड के हास्पिटल को तैयार करने के लिए प्राईवेट क्षेत्र की कंपनी स्वयं जमीन खरीदते हुए हास्पिटल तैयार करे, व उसकी देखभाल भी स्वयं करें। फिर प्रदेश सरकार को निर्धारित अवधि के पश्चात हास्पिटल वापस कर दें।
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