लखनऊ 21 जनवरी 2023: इन्वेस्टर्स समिट के वक़्त लखनऊ में निवेश करने वाले उधमियों हेतु लखनऊ विकास प्राधिकरण व जिला प्रशासन ने नए ओधोगिक क्षेत्र हेतु कुल 1100 एकड़ जमीन चिह्नित की है। इस जमीन पर अनुमानित 8000 छोटी-बड़ी ओधोगिक इकाइयां स्थापित होंगी। इनसे लगभग 2 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव अवधेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि,3 नए ओधोगिक क्षेत्रों हेतु 200, 400 एवं 500 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। प्रशासन ने अभी चिह्नित जमीन के संबंध में एसोसिएशन से सूचना साझा नहीं की है, परन्तु संभावना है कि, ये ओधोगिक क्षेत्र मोहनलालगंज, आगरा एक्सप्रेस वे एवं आउटर रिंग रोड (निकट सरोजनीनगर ओधोगिक क्षेत्र) के निकट बनाये जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि,प्रशासन ओधोगिक क्षेत्रों हेतु चिह्नित जमीन की घोषणा अभी नहीं करेगा, क्योंकि इसकी घोषणा होते ही किसान जमीन के मूल्य में वृद्धि कर देंगे।
1500 से 10 हजार वर्ग फीट में स्थापित की जा सकती हैं इकाइयां
उधमियों ने कहा कि ,इकाइयां स्थापित करने हेतु 1500 से 10 हजार वर्ग फीट तक जमीन की आवश्यकता होती है। छोटी इकाई 1500 वर्ग फीट में एवं बड़ी इकाई 5000 से 10,000 वर्ग फीट में सरलता से t तैयार हो जाती है। छोटी इकाई वाले कैम्पस को बहुमंजिला तैयार कर उधोग में वृद्धि कर लेते हैं। 1 एकड़ में 43,560 वर्ग फीट जमीन होती है। उधमियों का विचार है कि 1100 एकड़ जमीन में 8000 से अधिक छोटी-बड़ी उत्पादन इकाइयां तैयार हो जाएंगी।
स्वयं खरीदनी होगी जमीन,सुविधाएं देगी सरकार
अवधेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि,प्रशासनिक अफसरों से कई भागों में हुई वार्ता में यह भी जानकारी मिली है कि ,उधमियों को तय क्षेत्र में स्वयं ही जमीन खरीदनी पड़ेगी। इसमें उधोग स्थापित करने की समस्त सुविधाएं सरकार उपलब्ध कराएगी। उन्होंनेकहा कि, प्रशासन किसान से जमीन का अधिग्रहण करके विकास करके उधमियों को बेचेगा। इस प्रकार उन्हें ज्यादा रूपये देने पड़ेंगे।
दलित की जमीन हेतु विशेष अनुमति
उधोग हेतु जो जमीन चिह्नित की गई है,उसके बीच में अगर किसी दलित किसान की जमीन पड़ेगी तो जिला प्रशासन उसको भी खरीदने हेतु विशेष अनुमति प्रदान करेगा। एवं, ग्राम समाज की जमीन के बदले में संबंधित को दुसरे स्थान पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।
बिजली उपलब्ध कराएगी सरकार,बनेगा मार्ग
सरकार नए ओधोगिक क्षेत्रों को132 केवी ट्रांसमिशन एवं 33 केवी उपकेंद्र के द्वारा बिजली उपलब्ध कराएगी । एवं मार्गों एवं सीवर का निर्माण कराया जाएगा। जबकि,उधोग को बिजली कनेक्शन लेते समय 33 केवी एवं 11 केवी लाइन का निर्माण उधमी को स्वयं के खर्चे पर कराना पड़ेगा।
एक इकाई से 25 परिवारों की चलेगी रोजी-रोटी
प्रॉविंशियल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन लखनऊ इकाई के अध्यक्ष दिनेश गोस्वामी ने कहा कि, एक नई ओधोगिक इकाई के तैयार होने से अनुमानित 25 कामगारों को रोजगार प्राप्त होगा। इससे उनका परिवार चलेगा। वैसे तो छोटी इकाई में 10 एवं बड़ी में 75 कामगारों को रोजगार प्राप्त होता है, परन्तु नए क्षेत्रों में ज्यादातर मध्यम श्रेणी की ही इकाइयां तैयार की जायेंगी।
यूपी में महंगी है ओधोगिक बिजली
आईआईए के राष्ट्रीय सचिव सूर्य प्रकाश हवेलिया ने बताया कि, दूसरे राज्यों के मुकाबले यूपी में बिजली बहुत महंगी है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि, ओधोगिक बिजली को सस्ता करें। यूपी में ओधोगिक बिजली अनुमानित 9.50 रुपये प्रति यूनिट एवं छत्तीसगढ़ में 7.50 रुपये प्रति यूनिट है।
उधमियों को जमीन उपलब्ध कराना पहला लक्ष्य
इन्वेस्टर्स समिट के समय लखनऊ मेें निवेश करने वाले उधमियों को ओधोगिक इकाइयां स्थापित करने हेतु जमीन उपलब्ध कराना हमारा पहला लक्ष्य है। इसमें जिला प्रशासन की मदद ली जा रही है। जिसके लिए 3 क्षेत्रों में जमीन चिह्नित की गई है।
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