लखनऊ 22 जनवरी 2023: केजीएमयू की कार्य परिषद् की मीटिंग में नेत्र विभाग के चिकित्सक को अनुसाशन हीनता के आरोप में बर्खास्त करते हुए आर्गन ट्रांसप्लांट के चिकित्सक का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। मीटिंग में इसके अतिरिक्त अवकाश, प्रमोशन के अलावा अनेक मुद्दों के प्रस्ताव पर भी कार्य परिषद् ने स्वीकृति प्रदान की।
केजीएमयू में कुलपति ले.जनरल डा.विपिन पूरी की अध्यक्षता में आयोजित कार्य परिषद् की मीटिंग में सबसे प्रमुख मुद्दा नेत्र विभाग के प्रोफेषर को बर्खास्त करने के संबंध में रहा।इस प्रोफेसर के विरुद्ध कुलपति के साथ अनुसाशनहीनता करने का आरोप लगा था। इस प्रकरण की शुरुआत 5 जनवरी 2022 को हुई। जब नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो.अपजित कौर ने कुलपति को पत्र लिखकर 30 दिसम्बर 2021 की घटना का जिक्र करते हुए कुलपति आफिस में हुई मीटिंग में आरोपी चिकित्सक द्वारा अनुचित शब्दों का प्रयोग किया गया था।
जिसके पश्चात आरोपी चिकित्सक को 18 फरवरी की कार्य परिषद् की मीटिंग में निलंबित कर दिया गया था। आरोपी चिकित्सक ने इस आदेश के विरुद्ध न्यायालय में याचिका दाखिल की।जहाँ कोर्ट ने निलंबन को गलत करार देते हुए बहाल करने का आदेश दिया था।इसके पश्चात केजीएमयू कार्य परिषद् ने चिकित्सक को कार्य भार ग्रहण कराते हुए मीटिंग बुलाकर उसी दिन पुनः निलंबित कर दिया। एवं अब बर्खास्त कर दिया।
इससे पूर्व कार्य परिषद् ने सर्जरी विभाग के चिकित्सक को भी बर्खास्त किया था।यह प्रकरण आदालत में अभी लंबित है।कार्य परिषद् ने मनोरोग विभाग के चिकित्सक मनु अग्रवाल को आस्ट्रेलिया में फेलोशिप हेतु 1 वर्ष का अवकाश स्वीकृत किया है। एवं नर्सिंग कालेज की मीना कुमारी को 2 साल हेतु डेप्युटेशन पर जालौन नर्सिंग कालेज में प्रिंसिपल पद हेतु अवकाश प्रदान किया गया एवं क्रिटिकल केयर विभाग की चिकित्सक सुलेखा को डीएम कोर्से करने हेतु 3 वर्ष का अवकाश स्वीकृत किया। इसके अतिरिक्त अन्य प्रोफेसरों के पदोन्नति के संबंध में भी कार्य परिषद् ने स्वीकृति प्रदान की है।
चिकित्सकों के इस्तीफे का सिलसिला जारी
केजीएमयू के आर्गन ट्रांसप्लांट पर संकट छा गया है ।यहाँ के एकमात्र चिकित्सक डा. विवेक गुप्ता के इस्तीफे को कार्य परिषद् द्वारा स्वीकार किये जाने के पश्चात आर्गन ट्रांसप्लांट विभाग अब रिक्त हो गया है। संस्थान में 2-3 वर्षों से चिकित्सकों के इस्तीफे का सिलसिला जारी है।इससे पूर्व केजीएमयू से डा.संदीप वर्मा,डा. प्रदीप जोशी,डा.विशाल,डा.संत कुमार पाण्डेय भी इस्तीफा देकर अन्य संस्थानों में जा चुके हैं। इस संबंध में केजीएमयू चिकित्सक संघ के अध्यक्ष प्रो.के.के.सिंह के अनुसार ,केजीएमयू में कार्यरत चिकित्सकों को कई गुना अधिक वेतन पर प्राइवेट संस्थानों में नौकरी दी जा रही है। मरीजों का प्रेशर भी यहाँ की अपेक्षा कम रहता है। सुविधाओं की कमी एवं छोटी-छोटी चीजों में अनावश्यक विलम्ब के कारण भी अधिकतर चिकित्सक नौकरी छोड़ रहे हैं। जो चिकित्सक यहाँ कार्यरत हैं। वे मरीजों की सेवा एवं उत्कृष्ट संस्था से जुड़े रहने का विचार है।
एसआर एवं नान पीजीजेआर को भी दिया जायेगा मातृत्व अवकाश का फायदा
हाल के सालों में देखा जा रहा है कि पढ़ाई के समय अनेक सीनियर रेजीडेंट को मातृत्व अवकाश की आवश्यकता होती है। अभी तक इसकी व्यवस्था न होने के कारण उनका अवकाश स्वीकृत नहीं हो पता था। जिसके मद्देनजर हुए नई व्यवस्था प्रारंभ की गयी। जिसके अंतर्गत केजीएमयू में नियुक्त एसआर एवं नॉन पीजी जेआर को अब मातृत्व अवकाश का फायदा दिया जायेगा। अभी तक इसकी व्यवस्था न होने से उनका अवकाश स्वीकृत नहीं हो पाता था। इसके मद्देनजर नई व्यवस्था प्रारंभ की जा रही है।
मानव संपदा पोर्टल पर पोस्ट की जाएगी समस्त कार्मिकों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट
केजीएमयू तकनीक के साथ चलते हुए एक पायदान और ऊपर चला गया है। अब केजीएमयू के समस्त कार्मिकों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट मानव संपदा पोर्टल पर पोस्ट की जाएगी। इस तरह का किये जाने पर उसमें किसी तरह के परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होगी।
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