लखनऊ 19 फरवरी 2023: शिक्षामित्र भी अब सामान्य शिक्षकों के समान ही अधिकतम 60 साल पर रिटायर होंगे। प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त शिक्षामित्रों के संविदा पर कार्य करने की अधिकतम उम्र सीमा निर्धारित कर दी है।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार के मुताबिक, बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों के संबंध में शिक्षामित्र योजना क्रियान्वयन से संबंधित पूर्व में जारी शासनादेशों को 60 वर्ष की सीमा तक संशोधित समझा जाए।
उन्होंने बताया कि, शिक्षामित्रों की संविदा आधारित सेवाएं उनकी 60 वर्ष की उम्र पूर्ण होने के दिन को स्वत: समाप्त माने जाने का फैसला किया गया। वैसे पहले की तरह उनका प्रत्येक वर्ष नवीनीकरण किया जाएगा।
नियमितीकरण की मांग के संबंध में 20 फरवरी को महासम्मेलन
शिक्षामित्रों ने नियमितीकरण की मांग के सम्बन्ध में 20 फरवरी को लखनऊ में महासम्मेलन का फैसला किया है। सम्मेलन को सफल बनाने हेतु वे राज्य कर्मचारी संघ से भी संपर्क बनाए हुए हैं। जिससे उनकी मांगों को बल मिल सके। इस सम्मलेन में शिक्षामित्र अपने परिवार वालों के साथ सम्मिलित होंगे।
शिक्षामित्र को 10 हजार रुपये प्रतिमाह मिलता है मानदेय
वर्तमान में शिक्षामित्र को 10 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। शिक्षामित्रों को 11 माह का मानदेय दिया जाता है, एवं प्रत्येक साल विभाग द्वारा नवीनीकरण किया जाता है। धीरे-धीरे इनके मानदेय में वृद्धि की गयी एवं 2014 में प्रशिक्षण इत्यादि के द्वारा पहले बैच के शिक्षामित्रों को समायोजित भी किया गया। वैसे बाद में इनका समायोजन कैंसिल कर दोबारा मानदेय पर ही कार्य कराया जाने लगा।
साल 1999 में स्थाई शिक्षकों की कमी के कारण प्राथमिक स्कूलों में संविदा पर शिक्षामित्रों की नियुक्ति की गई थी। इस समय इनकी तादात लगभग 1.46 लाख है।
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