लखनऊ 19 फरवरी 2023: नीट की परीक्षा देने वाले अन्य राज्यों के लगभग 900 छात्रों को जालसाजों ने अपना शिकार बनाया। बिना नीट की परीक्षा दिए आयुष कॉलेजों में जाली तरीके से दाखिले से सम्बंधित नेटवर्क के कनेक्शन अनेक राज्यों से हैं।
एसटीएफ के अफसरों के अनुसार, इनमें से ज्यादातर छात्र-छात्राएं दक्षिण भारत के राज्यों के थे। यूपी से बहुत दूर होने के कारण उनके नाम पर दूसरे का दाखिला कराना सरल तरीका था।
इसके लिए जिन अभ्यर्थियों को परीक्षा में अच्छे नंबर मिले थे उनको कॉलेजों की तरफ से फोन करके दाखिले के लिए बुलाया जाता था। एवं कॉलेज की मेल आईडी पर उनकी मार्कशीट इत्यादि अभिलेख मंगवाए जाते थे।
जिसके पश्चात अपात्र अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लेकर बेहद चतुराई से फॉर्म में उनकी फोटो चिपका कर फॉर्म में नाम-पता परिवर्तित कर दाखिला कर लिया जाता था।
छानबीन में जानकारी मिली कि, सीतापुर के रहने वाले बिचौलिए आलोक त्रिवेदी ने इस तरीके से सबसे ज्यादा दाखिले कराए थे। प्राईवेट कालेजों में 1 से 3 लाख एवं सरकारी कालेजों में 3 से 5 लाख रूपये लिए गये।
मंत्री के विरुद्ध नहीं कोई सबूत
तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी को एसटीएफ ने कार्यदायी संस्था चुनने में हुए खेल की छानबीन के लिए नोटिस देकर बुलाया था। जब उन्होंने कोर्ट का रुख अग्रिम जमानत हेतु किया तो, मंत्री के विरुद्ध एसटीएफ ने कोई सुबूत नहीं होने की बात बतायी।
इस पर कोर्ट ने मंत्री की याचिका को अनावश्यक कहकर निरस्त कर दिया। वैसे पूर्व मंत्री को कोई नोटिस अग्रिम जांच हेतु नहीं दिया है।
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